संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी🌺मन खुश हो जायेगा सुनिए तो सही एक बार सत्संगी भजन🌺

 

 

संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी , अच्छी बनेगी 

तेरी भली बनेगी होय तेरो बड़ो भाग्य रे तेरी अच्छी बनेगी 

संतन के संग होत कमाई , राम चरन अनुराग रे तेरी अच्छी बनेगी 

काम क्रोध मद लोभ ईर्ष्या , त्याग सके तो त्याग दे तेरी अच्छी बनेगी 

ध्रुव जी की बन गई प्रहलाद की बन गई , हरि सुमिरन मे लाग रे 

कागा से तोहे हंस करेंगे , मिट जायें दिल के दाग रे तेरी अच्छी बनेगी 

मोह रात्रि में बहुत दिन सोया , जाग सके तो जाग रे तेरी अच्छी बनेगी 

कहत कबीरा सुनो भाई साधो , लाग सके तो लाग रे तेरी अच्छी बनेगी 




Share:

No comments:

Post a Comment