श्याम ऐसी बजाई मुरलिया💃झूम उठेंगे जब सांवरिया का मस्त भजन सुनेंगे एक बार पूरा सुनिए तो सही💃

 

 

श्याम ऐसी बजाई मुरलिया मेरी यमुना में बह गई गगरिया 

गई जमुना के तीर वहां भरने को नीर , वहां मिल गये कृष्ण कन्हैया मेरी यमुना में बह गई गगरिया 

सुध बुध खो गई बाबरी हो गई , मेरी खो गई पांव की पायलिया मेरी यमुना में बह गई गगरिया 

कभी इधर चलूं कभी उधर चलूं , मैं तो भूल गई घर की डगरिया मेरी यमुना में बह गई गगरिया 

श्याम आ जाओ न हमको तड़फाओ न तड़फूं मैं जैसे जल बिन मछलिया मेरी यमुना में बह गई गगरिया 




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