सावन की रिमझिम फुहार बाग में झूले पड़े
काहे की डोरी काहे की पटली काहे से हरा भरा बाग ,बाग में झूले पड़े
रेशम की डोरी चन्दन की पटली फूल पत्तों से हरा भरा बाग , बाग में झूले पड़े
कौन झूला झूले कौन झुलावे कौन गाये मल्हार बाग में झूले पड़े
राधा झूला झूलें श्याम झुलावें सखियां गायें मल्हार बाग में झूले पड़े
अमवा की डाली पे कूके कोयलिया पपीहा करे पुकार बाग में झूले पड़े
कान्हा बजावें मीठी मुरलिया छाई है मस्ती अपार बाग में झूले पड़े
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