मां के मंदिर मे बजे शहनाई मैं आरती ले आई
बड़ी भूल हुई मां हमसे, मां के टीका पे छाई महंगाई मैं सिंदूर ले आई मैं बिंदिया ले आई
बड़ी भूल हुई मां हमसे मां के झुमका पे छाई महंगाई मैं कुंडल ले आई
बड़ी भूल हुई मां हमसे मां के हरवा में छाई महंगाई मैं माला ले आई
बड़ी भूल हुई मां हमसे मां के कंगना पे छाई महंगाई मैं मेहंदी ले आई
बड़ी भूल हुई मां हमसे मां के लहंगा पे छाई महंगाई मैं चुनरी ले आई
बड़ी भूल हुई मां हमसे मां के पायल पे छाई महंगाई मैं महावर ले आई
बड़ी भूल हुई मां हमसे मां के मेवा पे छाई महंगाई मैं हलुआ ले आई
बड़ी भूल हुई मां हमसे मां के ढोलक पे छाई महंगाई मैं सखियां ले आई
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