राम भजन : सुंदर सखी दो कुमार कुमार मैंने देखे (बहुत सुंदर भजन)


सुंदर सखी दो कुमार कुमार मैंने देखे
हाथों में फूलों का दोना सोहे , सुंदर गले में सोहे हार कुमार मैंने देखे सुंदर सखी दो कुमार कुमार मैंने देखे
सुंदर सलोने बांके रसीले ,मोह लिये नर और नारि कुमार मैंने देखे सुंदर सखी दो कुमार कुमार मैंने देखे
मुनियों का यज्ञ इन्होंने रचाया ,दीनो की सुनते पुकार कुमार मैंने देखे सुंदर सखी दो कुमार कुमार मैंने देखे
भक्तों के जीवन हैं संतों के प्यारे , सबके हैं प्राण आधार कुमार मैंने देखे सुंदर सखी दो कुमार कुमार मैंने देखे
करूणा के सागर दशरथ दुलारे ,सब इनसे करते हैं प्यार कुमार मैंने देखे सुंदर सखी दो कुमार कुमार मैंने देखे
अपने चरणों की रज से अहिल्या तारी तार दिया जगसंसार कुमार मैंने देखे सुंदर सखी दो कुमार कुमार मैंने देखे


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