मीरा भजन : बंद पड़ी चारों गलियां मोहन से मेरा मिलना कैसे होय(मधुर मीरा भजन)





बंद पड़ी चारों गलियां मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
ऊंचों नीचो महल पिया को , मोसे चढ़ो न जाय मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
बंद पड़ी चारों गलियां मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
ऊंची नीची राह रपटनी , पांव नही ठहराय मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
बंद पड़ी चारों गलियां मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
कोस कोस पे पहरा बैठायो ,सूझे न कोई उपाय मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
बंद पड़ी चारों गलियां मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
सोच सोच पग धरूं जतन से बार बार डिग जाये मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
बंद पड़ी चारों गलियां मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
मीरा के प्रभू गिरधर नागर , सतगुरु देव बताये मोहन से मेरा मिलना कैसे होय
 बंद पड़ी चारों गलियां मोहन से मेरा मिलना कैसे होय


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