कृष्ण भजन : कृष्ण का यदि सहारा न होता कर्ण अर्जुन से (फरमाइश पर बहुत प्यारा भजन)


कृष्ण का यदि सहारा न होता करन अर्जुन से हारा न होता
बैठे पांचो पति थे सभा में ताले पड़े थे सबकी जुबां पे यदि करन मुस्कराया न होता करन अर्जुन से हारा न होता
पास में थे कवच कुंडल उसके दे दिया दान दानी ने हंस के
यदि वो दामन पसारा न होता करन अर्जुन से हारा न होता
रथ का पहिया जमीं में न धंसता वाण अर्जुन ने मारा न होता देवकी का दुलारा न होता करन अर्जुन से हारा न होता


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