कृष्ण भजन : मुझे अपने ही रंग में रंग ले मेरे यार सांवरे


 मुझे अपने ही रंग में रंग ले मेरे यार सांवरे २ दिलदार सांवरे मुझे..
१- नैनन में सूरत है सांवरिया उतरे न जो जन्म जन्म तक
नाम तू अपना लिख दे कन्हैया मेरे सारे बदन पर
मुझे अपना बना के देखो एक बार सांवरे..
२- श्याम पिया मोरी रंग दे चुनरिया बिना रंगाये मै घर न जाऊंगी, बीत जाये चाहे सारी उमरिया , हरी न रंगाऊ मै पीली न रंगाऊ , अपने ही रंग में रंग दे सांवरिया , ऐसी रंग दे जो रंग नाही छूटे धोविया धोये चाहे सारी उमरिया ,
जो नाही रंगो तो मोल मंगादो बृज में खुली है प्रेम बजरिया, या चुनरी को ओढ़ के मै तो यमुना पे जाऊंगी , श्याम की मोपे पड़ेगी नजरिया, मेरी जीवन नैया ले जा उस पार सांवरे..
३- भवसागर में ये मनमोहन मांझी बनकर आना ,न भटकूं इधर उधर प्यारे मुरली मधुर बजाना , मेरा जीवन लेजा कान्हा उस पार सांवरे..
४- रैन पड़ी रसूल की रंग मौला के हाथ ,तूनहे जिसकी चुनरी रंग दीनही रे धन्य धन्य उसके भाग्य,  जो तू मांगे रंग की रंगाई जीवन गिरवी रख ले, पर अपनी पगड़िया मेरी चुनरिया एक ही रंग में रंग ले  , तेरा रंग तेरी आशिकी जरुर रंग लायेगी , मुझे मार डालेगी या जीना सिखायेगी , दुनिया के रंग मिटा देगी मुझसे रंग तेरे प्यार का ये मुझपे चढ़ायेगी , मुझे अपना बना के देखो एक बार सांवरे..
५ -प्रीत लगाना प्रीतम ऐसी नाभ जाये मरते दम तक, इसके सिवा न तुझसे चाहूं न कुछ मांगा अब तक  मेरे कान्हा तुझ बिन जीना बेकार सांवरे ...


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