गौरा भजन : गौरा रूठ गयीं मायके चली गयी( गौरा मां भोले बाबा से क्या कहती हैं सुनें)


गौरा रूठ गयीं मायके चली गईं ताला लग गयो कुठरिया में भोला अब न आऊं नगरिया में
१- रोज रोज भोला कैलाश घुमावे ,चलो न जाये पांव पिरावें ,चढ़ न पाऊं चढ़ैया मैं भोला अब न आऊं नगरिया में..
२- रोज रोज भोला मोपे भांग पिसवावे ,लोढ़ा टूट गयो सिल भी चटक गयो लग गई चोट ऊंगरिया में भोला अब न आऊं नगरिया में..
३- रोज रोज भोला मोपे पानी भरवावे ,गगरी फूट गयी पानी में रपट गई आय गई मोच कमरिया में भोला अब न आऊं नगरिया में..
४- रोज रोज भोला मोपे रोटी बनवावे, चकला बेलन टूट गयो तवा भी फूट गयो जल गई उंगली अंगरिया में भोला अब न आऊं नगरिया में..


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